रामपुरी चाकू का परिचय इन हिंदी__Rampuri chaku history in Hindi
रामपुर-रामपुर शहर की आन बान और शान कहलाने वाला रामपुरी चाकू आज हो चुका है गुमनाम। रामपुर शहर नवाबों के शहर से जाना जाता है। भारत में बिक्री के लिए रामपुरी चाकू, चाकू कितने प्रकार के होते हैं, रामपुरी चाकू की लंबाई, रामपुरी चाकू की कीमत, रामपुरी चाकू दिखाओ, रामपुरी चाकू ऑनलाइन। आदि सवालों का जवाब आपको हमारे इसी लेख में मिलने वाला है जानने के लिए बने रहिए हमारे इस आर्टिकल पर। प्राचीन समय में रामपुर नवाबों का शहर हुआ करता था ।यहां नवाब की रियासत थी। और यहां का चाकू बहुत मशहूर हुआ करता था, लेकिन आज वह नाम गुमनाम हो चुका है, जिस नाम से रामपुर शहर का चाकू जाना जाता था। जी हां उस चाकू का नाम 90 के दशक की फिल्मों में भी विलन खूब लेते थे। चाकू को 90 के दशक की फिल्मों व रियल लाइफ जिंदगी में भी लोग रामपुर शहर के चाकू को रामपुरी चाकू कहते थे। जो आज यह नाम बिल्कुल गुमनाम हो चुका है।
रामपुरी चाकू भारत के इतिहास के पन्नों में हमेशा- हमेशा के लिए दर्ज हो चुका है। रामपुर शहर का रामपुरी चाकू का कुछ समय पहले तक प्रयोग किया जाता था। लेकिन आज वर्तमान में चाकू का प्रयोग नहीं किया जाता है।
रामपुर नवाबी रियासत के दरबारी लोहकारो ने रामपुरी चाकू बनाना शुरू किया था। शुरुआत में रामपुरी चाकू 9 से 12 इंच तक बनाया जाता था। रामपुरी चाकू की धार एक तरफ होती थी। सबसे ज्यादा आकर्षित रामपुरी चाकू का हत्था होता था। जिस पर कुछ विशेष प्रकार की कारीगरी रामपुर के चाकू के कारीगरों द्वारा की जाती थी।हत्थे की गई कारीगरी और बटन दबाकर चाकू का खुलना ही रामपुरी चाकू की शान थी। रामपुर के रामपुरी चाकू की प्रसिद्धि में यह दो अहम मुद्दे थे।
रामपुर के रामपुरी चाकू को हमारे भारतीय सिनेमा ने प्रसिद्ध कराने में अहम भूमिका निभाई। सन 1970 से 1990 के दौर की बॉलीवुड फिल्मों में रामपुर शहर के रामपुरी चाकू को खलनायक के पसंदीदा हथियार के रूप में प्रस्तुत किया।
सन 1990 में उत्तर प्रदेश सरकार ने आर्म्स एक्ट 1959 के तहत रामपुर शहर के रामपुरी चाकू के इस्तेमाल पर पाबंदी लगा दी। और साथ में ही उसकी लंबाई 4.5 इंच से ज्यादा पर रोक लगा दी। आज वर्तमान में चाकू बनाने और अपने पास रखने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से लाइसेंस प्राप्त करना जरूरी है। अगर कोई व्यक्ति उत्तर प्रदेश सरकार से लाइसेंस नहीं लेता है। और हथियार अपने पास रखता है। तब उस पर आर्म्स एक्ट 1959 के अनुसार कानूनी कार्रवाई करने का प्रावधान है।
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